भक्तियोग, स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखी गई एक प्रेरणादायक पुस्तक है जो मानवता के आध्यात्मिक और मानसिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करती है। यह पुस्तक भक्ति के माध्यम से ईश्वर के प्रति आदर्श अभिमान और सेवा की महत्वपूर्णता को बताती है और उपयुक्त दिशा में अपने जीवन को कैसे मोड़ा जा सकता है। स्वामी के दर्शन के अनुसार भक्ति मार्ग ईश्वरीय प्रेम और आत्मसर्मण के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रवृत्ति करता है। यह पुस्तक आध्यात्मिक साधना, समय का मूल्य और आत्मा की उन्नति पर विचार करती है और व्यक्तिगत और सामाजिक उत्थान की मागर्दशन करती है।