इस पुस्तक का प्रकाशन इस उद्देश्य से किया गया था कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में विद्यमान चिकितसा की सरल विधियों के प्रति जनमानस में जागरूकता बढ़े तथा वे अपने दैनिक जीवन में उनका उपयोग करें और स्वस्थ रहें। सरल, किफायती और औषधि-विहीन होने के कारण योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति लोगों में बहुत प्रचलित है। विश्वभर में बहुत से प्रतिष्ठित संस्थानों ने इन पद्धतियों को स्वीकार किया है तथा इनमें अनुसंधान भी कर रहे हैं। राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने सही कहा था कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है और यह पद्धति भारत वर्ष की सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थितियों के भी अनुकूल है।