हमारी आयुर्वेदिक औषधियां विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। गुणवत्ता और परिणाम की दृष्टि से एलोपैथी की दवाओं से कई गुणा बेहतर है। आज भारत का सबसे बड़ा व्यवसाय ही आयुर्वेदिक औषधियों का होना चाहिए था, लेकिन उसकी जगह हम विदेशों से आयात की गई बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की दवायें खा रहे हैं। आयुर्वेद की सिद्धि किसमें है। इस प्राचीन शास्त्र की सिद्धि के अनेक कारण हैं। इनमें एक कारण है, इसका त्रिदोष का सिद्धांत। इस सिद्धांत के कारण ही एक रोग की अनेक दवायें हो सकती हैं। इसलिए एक ही रोग के लिए इस विभाग में अनेक विविध प्रयोग बताये गए हैं। आयुर्वेद में अधिकतर औषधियां अकसीर और निर्दोष होती हैं। इसलिए वैद्य नहीं हो तो भी (आयुर्वेद की पुस्तकों को पढ़ते रहते हो और इसका ज्ञान लेते रहते हो तो) स्वयं की समझ से इस्तेमाल करके फौरन लाभ ले सकते हैं।