फेफड़े में वायु वहन करने वाली नलियों की छोटी-छोटी पेशियों में जब संकुचन पैदा होता है, तब दर्द होता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसी हालत को श्वास रोग, दमा, तमक श्वास तथा अंग्रेजी में अस्थमा कहते हैं। आमतौर पर यह रोग अधेड़ आयु के स्त्री-पुरुष को होता है। यह रोग वंशानुगत भी पाया जाता है। इसके अतिरिक्त नाक की बीमारी, उपदंश, ब्रोंकाइटिस, जरायु की बीमारी, स्नायु विकार एवं धूल और धुएं आदि के वातावरण में अधिक समय तक रहने से यह रोग लग जाता है। बच्चों को यह रोग फेफड़े और श्वासनली में कफ जमकर सूख जाने से होकर होता है।