पेट में अनेक रोग होते हैं। रोग एक अवस्था है। शरीर में रोग व्यापक होते हुए भी उसके विशिष्ट लक्षण होते हैं। उन विशिष्ट लक्षणों को रोगी में पहचान कर वैसे ही विशिष्ट सदृश लक्षण वाली औषधि भैषजशास्त्र में से ढूंढना चिकित्सा का काम है। ऐसी सुनिर्वाचित औषधि से रोगियों को ठीक करके अनुभव के आधार पर जो सफलता मिली उन्हीं औषधियों का वर्णन इस पुस्तक में दिया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में पेट के अनेक रोगों की चिकित्सा का मार्ग प्रस्तुत किया गया है।
Treatment of various abdominal disorders through the naturopathic and homeopathic treatment. Patients afflicted with the digestive problems will find this book of immense value. The book outlines the symptoms of diseases, the possible causes and their treatment through the home remedies and the right kind of diet beneficial for such patients.