सम्पूर्ण ब्रह्मांड और अन्तर्नक्षत्रीय आकाश में व्याप्त जीवन ऊर्जा (रेकी) का अस्तित्व है, यह एक परम सत्य है और किसी के मानने या न मानने से कोई फर्क नहीं पड़ता। ठीक उसी तरह जैसे ऑक्सीजन की खोज होने से पहले भी वातावरण में ऑक्सीजन विद्यमान थी और सभी प्राणी और पेड़-पौधे उसकी खोज से पहले भी उसका उपयोग कर रहे थे। रेकी के विषय में हिन्दी में मौलिक साहित्य का काफी अर्से से अभाव महसूस किया जा रहा था उसकी अभाव को दूर करने का यह एक छोटा सा प्रयास है। A very useful book which give insight details of the oldest form treatment.