अम्लपित्त (ऐसिडिटी) यह पित्तजन्य व्याधि है। पित्त विदग्य मतलब की खट्टा हो जाने से (पित्त की अम्लता बढऩे से) यह व्याधि होती है। इस कारण अम्लपित्त के रोगी को कड़वी डकार आती है। गला, छाती तथा पेट में जलता है। पित्त बढ़ जाए तब खारी कड़वी उल्टी होती है। माथा में सख्त दुखावा होता है और उल्टी हो जाती है। बाद में शूल में राहत होती है। सुबह दातुन या ब्रश करते वक्त मुंह में से खट्टा पानी निकलता है और कितनी बार तो अंगुली डालकर खट्टा पानी निकाल देना पड़ता है।