अर्श रोग अर्थात बवासीर अत्यंत कष्टदायक रोग होता है। अर्श रोग में जलन और पीड़ा के कारण रोगी की रातों की नींद उड़ जाती है। कुर्सी पर बैठते हुए रोगी को पीड़ा होती है। बस, कार या स्कूटर में अर्श रोगी यात्रा नहीं कर पाता। अर्श रोगी की चिकित्सा में विलम्ब करने व भोजन में लापरवाही बरतने से अर्श रोग में मलद्वार से रक्तस्त्राव होने लगता है। अधिक रक्तस्त्राव के कारण रोगी शारीरिक रूप से अत्यधिक क्षीण हो जाता है। अर्श रोग की उत्पत्ति मल द्वार के भीतर गुदा में होती है। मल द्वार के भीतर गुदा लगभग 12 सेमी. लम्बी होती है। अर्श रोग में इस गुदा में मांसांकुरों की उत्पत्ति होती है।