योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा रोगी का उपचार केवल लक्षणों के आधार पर नहीं किया जाता बल्कि शरीर से विजातीय द्रव्यों को निकालकर रोग के कारण को दूर किया जाता है। यह चिकित्सा पद्धति शरीर, मन तथा आत्मा के समन्वय को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आहार-विहार एवं व्यवहार पर संयम का दायित्व शरीर में स्थित मिट्टी, पानी, हवा, अग्नि और आकाश के संतुलित अनुपात पर निर्भर करता है। शरीर में इस संतुलन को बनाये रखने की कला एका ज्ञान ही योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा है। Very useful book for all the patients. How to treat the disease by Yoga and proper diet are the key factors of the book.