ग्वारपाठे को हर प्रकार की जलवायु में तथा किसी भी प्रकृति के रोगी को सेवन कराया जा सकता है क्योंकि यह समशीतोष्ण होता है। इसके सेवन से शरीर से रोगाणु बाहर निकल जाते हैं, मल की शुद्धि हो जाती है, जठराग्नि बढ़ जाती है जिससे खाया हुआ भोजन भली प्रकार से पचने लगता है। इसके सेवन से शरीर की सातों धातुओं की शुद्धि होती है। इसमें अनेक रोगों को दूर करने की क्षमता है। पुराने, असाध्य, निराश रोगियों के लिए इसके प्रयोग से आराग्यता एवं आशा का भाव जाग्रत होता है। The book describes the benefits of Gwarpatha. How to use it and how it helps in treating diseases.