मानव चेतना मानव व्यवहार से सम्बन्धित चेतना सत्ता के लिए प्रयुक्त किया जाता है। चेतन सत्ता के प्रभाव से जड़ में जो चेतना आ गई है वही मानव चेतना का क्षत्र कहलाता है। इस ग्रंथ में मानवीय चेतना की सत्तात्मक अनुभूति को दार्शनिक व वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में देखने का प्रयास किया गया है। ऋषियों ने जहां आत्मचेतना का साक्षात्कार करके मोक्षशास्त्रों की रचना की, वहीं वैज्ञानिकों ने क्वांटम सिद्धांत के माध्यम से चेतना को समझाने का ्रयास किया। मानव चेतना के रहस्यों का उद्घाटन तथा मानवीय चेतना के विकास की विभिन्न प्रणालियों का वर्णन करके मानव को देवत्व की ओर के जाने का मार्ग दिखाने का यह स्तुल्य प्रयास है।