इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आम व्यक्ति में सजगता बढ़ेगी और वह आयुर्वेद के माध्यम से रोगों के मूल कारण तक पहुँच साकेत हैं और दर्द पूर्ण एवं महँगे शल्य कर्मों से अपना, अपने परिवार तथा समाज का बचाव कर सकते हैं । आहार-विहार में उचित परिवर्तन करते हुए आप रोगों से मुक्ति पा सकते हैं । लेखक ने फाइब्रॉइड्स यूटरस, ओवेरियन सिस्ट, प्रोलाप्सेड यूटरस, हरनिया, गैस्ट्रिक अल्सर, तिल्ली का बढ़ना, ऍपेन्डिसिटिस, सेरोसिस ऑफ़ लिवर, गॉल स्टोन, किडनी स्टोन, किडनी फेलियर, हार्ट ब्लॉकेज, पाइल्स, ब्रेन ट्यूमर, स्लिप डिस्क, सायटिका, घुटनों में दर्द, वैरिकोस वेन्स, टॉन्सिलाइटिस, ग्लूकोमा, कैटारैक्ट, मस्से, कॉर्न इत्यादि के रोगियों को औषधीय उपचारों के माध्यम से स्वस्थ्य किया है, जिनको अर्वाचीन चिकित्सा विशेषज्ञों ने सर्जरी की सलाह दी थी । इस पुस्तक में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान-सम्मत तथा प्राचीन आयुर्वेदीय चिकित्सा विज्ञान के बारे में पूर्ण प्रामाणिक जानकारियां देने का प्रयास किया गया है । स्थान स्थान पर सम्बंधित योग, आसनों, प्राणायाम, अंगुली मुद्रा, बांध इत्यादि भी दी है जिससे व्यक्ति अनावश्यक सर्जरी से स्वयं एवं परिवार को बचा सकें । ऐसे रोगी जो सर्जरी से डरते हैँ, वे भी इस पुस्तक को पढ़कर किसी हद तक खुद को सर्जरी से बचा सकते हैँ.