इस उपयोगी ग्रंथ के अनुवाद की पृष्ठभूमि से पाठकों को परिचित करना आवश्यक है क्योंकि जिस पुस्तक का प्रचार कम और जिसके प्रकाश में अर्थ समस्या, फिर उसके लिए क्यों अनुवाद की प्रवृत्ति हुई, यह एक प्रश्न है। इस अष्टांग संग्रह में एक भी मात्रा आगम के विपरीत नहीं है। वे ही तो अर्थ हैं और वह ही ग्रंथरचना है, केवल संक्षेप के लिए क्रम बदल दिया है। Useful book for Ayurveda students.