इस कायचिकित्सा प्रधान ग्रंथ की समस्त विशेषता प्रत्येक रोग की चिकित्सा प्रक्रिया के वर्णन में निहित है। कहीं-कहीं लम्बे अध्याय हैं और उन सम्पूर्ण अध्यायों में कहे गये विषयों को हृदयङ्गम कर पाना कठिन होता है, इसलिए इस व्याख्या में सम्पूर्ण अध्याय के विषयों को सरलतापूर्वक मन में बैठा लेने की दृष्टि से प्रत्येक अध्याय के अंत में संक्षिप्त सारांश दिया गया है।