पतंजलि योगसूत्र स्वामी विवेकानंद के अद्वैत वेदांत ओर योग दर्शन की गहरी समझ का प्रतिष्ठित स्रोत रहे हैं। स्वामी विवेकानंद ने योग सूत्रों के उद्घोषण को अविश्वास और ब्रह्मवाद के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने योग साधना को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर एक समर्थ योग प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद के अनुसार पतंजलि योगसूत्र अंतर्मन की जीवन गतिविधियों को नियंत्रित करने का मार्ग प्रदान करते हैं। ये सूत्र साधक को ध्यान, प्राणायाम और व्यातृता के माध्यम से आत्मा की प्रापित के लिए अभ्यास करने की सिद्धि दिलाते हैं।