प्रस्तुत पुस्तक के लेखन की पृष्ठभूमि में भारतीय योग संस्थान के दो दशकों के अनुभव आधार रूप में रहे हैं। इसमें योग की रोगों के निवारण में भूमिका, योग-चिकित्सा पद्धति क्या है, यह कैसे कार्य करती है, हमारा शरीर किस ढंग से बना है, उसकी आंतरिक प्रक्रिया क्या है, स्वास्थ्य के निर्माण तथा रोग के निवारण में ग्रंथियों का क्या योगदान है, रोग क्यों होता है, उचित आहार हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है आदि बातों को समझाने के साथ-साथ तीस रोगों के निदान व उपचार सहित ऐसे प्रश्नों के समाधान भी प्रस्तुत किये गये हैं, जिन्हें समय-समय पर पूछा जाता रहा है।