सर्वप्रथम शरीर को लचीला बनाने हेतु कुछ शिथिलन एवं तनन यानी शिथिलीकरण व्यायामों से परिचित कराया गया है ताकि आसनों को करने में सुविधा हो सके जो ऊर्जा संरक्षण के निमित्त हैं और उन्हें सूक्ष्म स्वरूप प्रदान कर उन्हें मानसिक ऊर्जा में परिणत करते हैं। ये आसन आंतरिक चेतना को विकसित करने के साधन हैं जो चित्त को शांत होने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।